** जिला निर्वाचन अधिकारी/ जिलाधिकारी ने अधिकारियों को पढ़ाया आदर्श आचार संहिता का पाठ
** आदर्श आचार संहिता का सख्ती से अनुपालन पर ही होगा शुद्ध, पारदर्शी और निष्पक्ष निर्वाचन
** आदर्श आचार संहिता की किसी भी बिंदु का उल्लंघन करने पर हो सख्त कार्रवाही
जिला निर्वाचन अधिकारी जिला अधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि लोकसभा सामान्य चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है,जो 04 जून तक पूरे भारत में चुनाव के नतीजे आने तक लागू रहेगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने MCC के फुल फॉर्म की जानकारी देते हुए बताया कि – मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट जिसे हिन्दी में ‘आदर्श आचार संहिता’ कहा जाता है। यह भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा प्रकाशित दिशानिर्देशों का एक समूह है।
उन्होंने कहा कि शुद्ध,पारदर्शी और निष्पक्ष निर्वाचन के लिए चुनाव प्रचार और मतदान के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए आचरण के मानदंड तय करता है। सत्ताधारी पार्टी के मंत्रियों को MCC लागू होने के दौरान कैसे आचरण करना चाहिए, इसके बारे में भी निर्देश देता है। यह बताता है कि विवाद होने पर पार्टियां कैसे चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों के पास शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
2019 में, चुनाव घोषणापत्रों के संबंध में एक नया नियम जोड़ा गया, जिसमें पार्टियों को “संविधान के आदर्शों के प्रतिकूल” वादे करने से मना किया गया।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि एमसीसी कोई कानूनी दस्तावेज नहीं है। इसे संसद द्वारा पारित किसी भी कानून के तहत लागू नहीं किया जा सकता है। हालांकि, इसके तहत बताए गए कई कार्यों को भारतीय दंड संहिता यानी IPC और जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के तहत ‘चुनावी अपराध’ और ‘भ्रष्ट आचरण’ माना जाता है, जिनमें सजा का प्रावधान है। इन कार्यों में शामिल हैं-: जाति, धर्म या भाषा के आधार पर समुदायों के बीच तनाव पैदा करना,वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाएं भड़काना, चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल करना, मतदाताओं को रिश्वत देना/धमकाना, मतदान केंद्रों के100 मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार करना,मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक लाना या ले जाना, सार्वजनिक सभाओं में व्यवधान डालना,मतदान के दिन शराबपरोसना या वितरित करना,वोटिंग खत्म होने के 48 घंटे पहले सार्वजनिक सभाएं करना,मतदान स्थल पर पोस्टर, झंडे, चुनाव चिन्ह या किसी अन्य प्रकार का प्रचार सामग्री आदि का प्रयोग पूर्णतः वर्जित है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने आचार संहिता में राजनीतिकपार्टियों, उम्मीदवारों के लिए क्या नियम हैं की जानकारी देते हुए बताया कि राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के किसी भी पहलू पर टिप्पणी करने से बचने की सलाह दी जाती है। उन्हें केवल उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पिछले रिकॉर्ड और कार्यों की आलोचना करने की अनुमति होती है। सोशल मीडिया पोस्ट में भी विरोधियों का अपमान करने से बचना होता है। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को ऐसी गतिविधियों में भी शामिल नहीं होना चाहिए, जिनसे मौजूदा मतभेद बढ़ें या विभिन्न जातियों, धर्मों और भाषा समुदायों के बीच आपसी घृणा पैदा हो। वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं को अपील करना भी प्रतिबंधित है।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों और लाउडस्पीकर का इस्तेमाल स्थानीय पुलिस की अनुमति से ही करनी होती है।जुलूस निकालने के लिए, जुलूस शुरू होने और खत्म होने का समय और स्थान, जुलूस के रास्ते की जानकारी पुलिस को देनी होती है और उनकी अनुमति लेनी होती है।चुनाव प्रचार में लगे सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बैज या पहचान पत्र दिखानाअनिवार्य है।अगर वे उस निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता या उम्मीदवार या उम्मीदवार के चुनाव एजेंट नहीं हैं, तो उन्हें प्रचार अवधि समाप्त होने के बाद निर्वाचन क्षेत्र छोड़ना होगा। अन्य दलों या उम्मीदवारों की सभाओं में व्यवधान डालना भी प्रतिबंधित है।दल अन्य दलों की सभाओं वाले स्थानों पर जुलूस नहीं निकाल सकते हैं और न ही विरोधी दलों के पोस्टर हटा या खराब कर सकते हैं। कोई भी राजनीतिक दल एक दिन में किसी भी व्यक्ति/ कंपनी/ संस्था को 10,000 रुपये से ज्यादा नकद भुगतान नहीं कर सकता है।
आदर्श आचार संहिता का पाठ पढ़ाते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीख की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता तुरंत लागू हो जाती है। चुनाव के नतीजे आने तक एमसीसी लागू रहता है। MCC लोकसभा, राज्य विधानसभाओं के सभी चुनावों पर लागू होता है। यह स्थानीय निकायों से लेकर राज्य विधान परिषद चुनावों के लिए भी लागू होता है। केंद्र या राज्य द्वारा पूर्ण या आंशिक रूप से वित्त पोषित सभी संगठन, समितियां, निगम, आयोग (जैसे परिवहन प्राधिकरण, जल बोर्ड) MCC के अंतर्गत आते हैं। पंजीकृत राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को एमसीसी का पालन करना होता है।
इसके अलावा किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार के पक्ष में अभियान चलाने वाले गैर-राजनीतिक संगठनों विशिष्ट दिशानिर्देशों का पालन करना होता है।
जिला निर्वाचन अधिकारी जिला अधिकारी अविनाश कुमार ने निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े समस्त अधिकारियों को ताकीद करते हुए कहा कि आदर्श आचार संहिता का अक्षरश: अध्ययन करते हुए अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित करें ताकि जिला प्रशासन कि प्रतिबद्धता निर्वाचन शांतिपूर्ण,पारदर्शी और निष्पक्ष ढंग से संपन्न हो इसे पूरा कराया जा सके।
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